Wednesday, June 13, 2018
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
तुम और मै का हम बनना
पल पल बदलती दुनिया में कुछ लम्हे ऐसे भी है जो कभी नहीं बदलते तुम्हारे साथ बिताये लम्हे एक स्थिर चट्टान से हैं जो हमेशा मजबूती के साथ हमार...
-
हवा के थपेड़ों से गिरता रहा इधर-उधर मकसद क्या था,कहाँ था जाना कुछ खबर न थी बस बहता रहा इस नदी से उस नदी तक इस डगर से उस डगर जि...
-
पल पल बदलती दुनिया में कुछ लम्हे ऐसे भी है जो कभी नहीं बदलते तुम्हारे साथ बिताये लम्हे एक स्थिर चट्टान से हैं जो हमेशा मजबूती के साथ हमार...
-
धूल में उड़ते कण -सुशांत
No comments:
Post a Comment