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तुम और मै का हम बनना
पल पल बदलती दुनिया में कुछ लम्हे ऐसे भी है जो कभी नहीं बदलते तुम्हारे साथ बिताये लम्हे एक स्थिर चट्टान से हैं जो हमेशा मजबूती के साथ हमार...
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जिंदगी जीने के बहाने ना ढूंढिए, जमीं पर हर तरफ आग है , कश्तियों में बैठ किनारा ना ढूंढिए , बहुत खलिश है जज्बातों में अब , ...
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धूल में उड़ते कण -सुशांत
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हवा के थपेड़ों से गिरता रहा इधर-उधर मकसद क्या था,कहाँ था जाना कुछ खबर न थी बस बहता रहा इस नदी से उस नदी तक इस डगर से उस डगर जि...
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