Wednesday, March 7, 2012

लक्ष्य

लक्ष्य अब ऐसा है बनाया ,
लड़ेंगे,मरेंगे हिम्मत अब ना हारेंगे ,
लक्ष्य अब ऐसा है बनाया  ,

मुश्किलों के उस सफर पर ,
काँटों से भरी डगर पर ,
जिंदगी से लड़-झगड कर ,
दूर मंजिल की तरफ हम बढ़ चलेंगे ,
लक्ष्य अब ऐसा है बनाया,



आग फिर बरसाए जीवन ,
राह ना दिखलाये जीवन ,
जाल गर फैलाये जीवन ,
कर शपथ हम बढ़ चलेंगे ,
लक्ष्य अब ऐसा है बनाया ... 

3 comments:

  1. awesome.....very well done!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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  2. कर शपथ हम बढ़ चलेंगे ,
    लक्ष्य अब ऐसा है बनाया ...
    सार्थक सोच और सार्थक रचना

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धूल में उड़ते कण

धूल में उड़ते कण -सुशांत